शैलबाला शतक नयनों के नीर से लिखी हुई पाती है। इसकी भाव भूमिका अनमिल है, अनगढ़ है,…
शैलबाला शतक भगवती पराम्बा के चरणों में वाक् पुष्पोपहार है। यह स्वतः के प्रयास का प्रतिफलन हो…
कब सुधिया लेइहैं मन के मीत: प्रेम नारायण पंकिल कब सुधिया लेइहैं मन के मीत, साँवरिया काँधा।…
हम तोंहसे कुल बतिया कहली सौ बार इहै मंठा महलीकुल गुर गोंइठा भइले पर तूँ दाँतै निपोर…
भोजपुरी गीत : प्रेम नारायण पंकिल टपकि जइहैं हो हमरे आँखी कै लोरवा । जेहि दिन अँगना…
प्रस्तुत हैं शैलबाला शतक के चार और कवित्त! करुणामयी जगत जननी के चरणों में प्रणत निवेदन हैं…