Jyoti (Photo credit: soul-nectar) तुम ही पास नहीं हो तो इस जीवन का होना क्या है? मेरे…
अभी-अभी पूजा उपाध्याय जी के ब्लॉग से लौट रहा हूँ। एक कविता पढ़ी- माँ के लिए लिखी…
आँखें अपरिसीम हैं, संसृति का आधार है बिना दृष्टि का सृष्टि निवासी निराधार। ऑंखें बोती हैं देह-भूमि…
Water dream (Photo credit: @Doug88888) मैं हुआ स्वप्न का दास मुझे सपने दिखला दो प्यारे। बस सपनों…
कहाँ भूल गया जीवन का राग, मेरे साथी सलोने । क्यों रूठ गया अपना यह भाग, मेरे…
मैं सपनों का फेरीवाला, मुझसे सपन खरीदोगे क्या? यह सपने जो चला बेचने, सब तेरे ही दिए…