जब कोई स्नेही द्वार तुम्हारे आकर तेरा हृदय टटोले।
जब भी कोई पथिक हांफता, तेरे दरवाजे पर आए
तेरे हृदय शिखर पर अपनी प्रेम-पताका फहराए,
जब तेरी आतुरता में, कोई भी विह्वल मन डोले-
बोलो कैसे रह जाते हो तुम बिन बोले।
जब भी कोई तुम्हें समर्पित, तुमको व्याकुल कर जाता है
तेरे मन की अखिल शान्ति में करुण वेदना भर जाता है ,
जब भी कोई हेतु तुम्हारे, हो करुणार्द्र नयन भर रो ले-
बोलो कैसे रह जाते हो तुम बिन बोले।
kya baat hai,nahi rah sakte janab nahi rah sakte. bolana padega. narayan narayan
sawal-jawab aur bahas ham insano ke liye hai, us parmeshwar ke liye nahin
sundar kavita
बोलो कैसे रह जाते हो तुम बिन बोले ।
बहुत सुंदर भाव.
धन्यवाद
सुंदर है …. बहुत ही …