The poem “He came and sat by my side but I woke not” is a beautiful and…
पिस-पिस कर भर्ता हुए समय के कोल्हू में तुम समायातीत बनो तो मर्द बखानूँ मैं। जाने कितने…
तुम्हें नहीं पता कितनी देर से तुम्हारी राह देख रहा हूँ । तुमने कहा था आने के…
मैं देखना चाहता हूँ तुम्हें हर सुबह कि मेरा दिन बीते कुछ अच्छी तरह, कि मेरे कल्पना…
कुछ दिनों पहले एक भिक्षुक ने दरवाजे पर आवाज दी। निराला का कवि मन स्मृत हो उठा।…
बहुत पहले एक आशु कविता प्रतियोगिता में इस कविता ने दूसरी जगह पाई थी। प्रतियोगी अधिक नहीं…