‘आशीष जी‘ से पूछकर अपने ब्लॉग ‘नया प्रयत्न‘ को इस ब्लॉग में विलयित कर चुका हूँ । मेरी पोस्ट को फीड से पढ़ने वाले लोगों तक मेरी नयी फीड पहुँची ही नहीं । परिणामतः एक भी कमेन्ट नही आया – ‘काल पुरुष को नमस्कार‘।
फ़िर संपर्क किया प्रथम–पुरुष ‘अंकित‘ से । अंकित ने सुझाया, मैंने नयी फीड से अपने ब्लॉग को कृतकृत्य किया । वैसे अंकित के निर्देश से पुरानी फीड को भी सुधार दिया गया है, पर एहतियातन नयी फीड भी तैयार कर दी मैंने। पुराने सब्स्क्राइबर से निवेदन है कि वो मुझ पर अपने स्नेह का ख़याल करते हुए जांच लें कि पुरानी फीड से ही उन्हें मेरी नयी पोस्ट की जानकारी मिल रही है या नहीं ? यदि नहीं तो कृपया नयी फीड की सदस्यता ले लें, जिससे मेरी प्रविष्टियाँ पढी जा सकें। यह है मेरा नया फीड URL – http://feeds2.feedburner.com/himanshupandey.
कृपया टिपण्णी से बताने का कष्ट करें कि पुरानी फीड से पढ़ पा रहे है या नहीं । साभार ।
मुझे पता नहीं कि आपको दोनों ही महानुभावों ने क्या सुझाया लेकिन बताना चाहूँगा कि यदि आप ब्लॉगर का ओरिजिनल फ़ीड लिंक ही पड़ा रहने देंगे यानि यह : http://ramyantar.blogspot.com/feeds/posts/default तो भी लोग स्वयं आपके ब्लॉग की फ़ीडबर्नर फ़ीड पढ़ सकेंगे क्योंकि वास्तविक फ़ीड लिंक तो सदा यही है, उसका आदानप्रदान चाहे जिस रूप में हो, क्या फ़र्क़ पड़ता है और हाँ आपको अपने दूसरे वाले ब्लॉग से फ़ीड रि-डायरेक्शन सुविधा लेनी चाहिए ताकि ऐसी पोस्ट लिखनी ही न पड़े कि मेरा नया ब्ळॉग फ़ीड संजोयें। आशा है आपको समझ आया होगा और आपके मित्र मेरे इस लेख को अपने दिल से नहीं लेंगे और आपको भी बुरा नहीं लगेगा!
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चाँद, बादल और शाम
बुरा लगने की तो कोई बात ही नहीं है विनय भाई. मैं तो बहुत ही कच्चा हूं तकनीकी जानकारी के मामले में. आशीष जी ने केवल मुझे ब्लोग को विलय करने के बारे में बताया था, बाद में पोस्ट भी लिखी थी. हां, अंकित ने जरूर फ़ीड से सम्बन्धित मेरी समस्या के बारे में मुझे विस्तार से बताया था. अब बात विस्तार से थी, इसलिये मेरी अल्प-मति ने उसे ठीक-ठाक नहीं समझा होगा. मैंने अपनी इस छोटी बुद्धि का ही अभ्यास कर लिया था और नयी फ़ीड बना दी थी.
फ़ीड रीडायरेक्सन भी शायद मैंने कर लिया है.
आपकी इस संवेदना के लिये धन्यवाद. मैं इसी तरह न जाने कितने ही अभिनव-प्रयोगों से समस्यायें उपजाता रहूंगा, और फ़िर समस्यायें सुलझाने आप के पास दौड़ा चला आउंगा. आशा है, निराश नहीं करेंगे.
मुझे तो सारी फीड मिल रही है …… तो मैं कहे को झंझट में पडूं ???
वैसे तकनीकी जानकारी जितनी इकट्ठी कि है उसके हिसाब से विनय भाई सही फरमा रहे हैं !!!
पुरनकी फीड काम कर रही है।
हिमांशु जी समस्याएँ उपजाइए और मुझे तकनीक दृष्टा पर अवगत कराइए ऐसा करके आप के साथ-साथ मुझे भी सीखने को मिलेगा!
गुलाबी कोंपलें
अंकित ने यह टिप्पणी यहां प्रकाशित करने को कही थी, ज्यं की त्यों-
@ विनय भाई,
हिमांशु जी की पुरानी फीड Feedburner की थी. और उसमे गूगल के नवीनतम Updates के कारण कुछ समस्या आ गई थी.
तो मैंने उन्हें नई फीड बनाने की सलाह दी जिससे दोनों ब्लॉग की एक ही ब्लॉग हो जाए.
और उनके पुराने पाठकों को भी नही खोना था इशिलिये मैंने उनके दोनों फीड को नई फीड से redirect करने की सलाह दी.
आपका कथन भी सही है. पर किसी कारणवश उनके दोनों की counting number थी, इसीलिए नई फीड बनाने का कारण.
अंकित