English: Gayatri Chakravorty Spivak at Goldsmiths College, University of London, 2007. Photo by Shih-Lun CHANG. (Photo credit: Wikipedia) |
स्पिवाक की ख्याति उत्तर-उपनिवेशवादी सैद्धान्तिक के रूप में विशेष रूप से यूरोपीय साहित्य और दर्शन के विषयों की आलोचना से सम्बन्धित है जो यूरोप की उपनिवेशवादी व्यवस्था का सैद्धांतिक समर्थन करते हैं। ऐसा हम उनके लेख संग्रहों जैसे- ‘In Other Worlds’ और ‘Outside in Teaching Machine’ और इनकी पुस्तकों जैसे ‘ A Critique of Post-colonial Reason’ में देखा जा सकता है । इस तरह का साहित्यिक आलोचना का ढंग कुछ अंश में उत्तर-उपनिवेश सिद्धान्तवादी ‘ एडवार्ड सईद’ (Edward Said) के ‘Orientlism’ पर आधारित है।
अपनी सैद्धांतिक रचनाओं में स्पिवाक ने ‘उत्तर-उपनिवेशवाद’ जैसी संज्ञा को ही खारिज कर दिया, क्योंकि उन्होंने अन्य विख्यात बौद्धिकों यथा एजाज अहमद(Eijaz Ahmad), आरिफ़ दर्लिक(Arif Dirlik), माइकेल हार्डट (Michael Hardt) और एण्टोनियो नेग्री (Antonio Negri) के साथ ही यह लक्ष्य कर लिया था कि उत्तर-उपनिवेशवादी सिद्धांत बहुत अधिक मात्रा में अपने औपनिवेशिक प्रभुत्व के पुराने स्वरूप पर ही केन्द्रित है और इसलिये वह दक्षिण-विश्व (Global-South) के निर्धन राष्ट्रों पर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष एवं विश्व बैंक की ढांचागत तालमेल की नीति (Structural Adjustment Policies) एवं समकालीन आर्थिक वैश्विक प्रभुत्व के प्रभाव को आलोचित करने में पूर्णतया अक्षम है।
गायत्री चक्रवर्ती स्पिवाक
जन्म: 24/02/1942। स्थान: कलकत्ता। शिक्षा: बी0ए0-अंग्रेजी (आनर्स), प्रेसिडेन्सी कालेज, कलकत्ता; एम0ए0-अंग्रेजी, कार्नेल युनिवर्सिटी (यू0एस0); पीएच0डी0- कम्परेटिव लिटरेचर, कार्नेल युनिवर्सिटी; डी0लिट0-युनिवर्सिटी आफ टोरंटो एवं युनिवर्सिटी आफ लंदन। रचनायें: माईसेल्फ मस्ट आई रिमेक:द लाइफ एण्ड पोएट्री आफ डब्ल्यू0 बी0 यीट्स(1974), आफ ग्रेमेटोलोजी (1976), इन अदर वर्ल्डस:एसेज इन कल्चरल पोलिटिक्स(1987), सिलेक्टेड सबआल्टर्न स्टडीज-सं0(1988), द पोस्ट कोलोनिअल क्रिटिक (1990), थिंकिंग एकेडेमिक फ़्रीडम इन जेण्डर्ड पोस्ट-कोलोनिअलिटी (1993), आउटसाइड इन द टीचिंग मशीन (1993), इमैजिनरी मैप्स – महाश्वेता देवी की कहानियों का अनुवाद (1997), ब्रेस्ट स्टोरीज-महाश्वेता देवी की कहानियों का अनुवाद (1997), ओल्ड वीमेन- महाश्वेता देवी की कहानियों का अनुवाद (1999), ए क्रिटिक आफ़ पोस्टकोलोनिअल रीजन (1999), चोट्टी मुण्डा एण्ड हिज ऐरो-महाश्वेता देवी के उपन्यास का अनुवाद, आदि।

गायत्री चक्रवर्ती स्पिवाक के बारे में जानकारी देने का आभार !!!
अच्छा लिखा जी। पर ऐसे व्यक्तियों के बारे में पढ़ कर अपनी अल्पज्ञता पर कोफ्त भी होती है!
जानकारी देने का आभार !!!
स इस सुंदर जानकारी के लिये आप क धन्यवाद
बहुत बढ़िया जानकारी। सहेज ली है।
शुक्रिया…