तुम अब कालेज कभी नहीं आओगे। तुम अब इस सड़क, उस नुक्कड़, वहाँ की दुकान पर भी…
BEHIND WHICH DOOR, (Photo credit: marc falardeau) गुजरता था मैं जब भी दरवाजे से खुला रहता था…
The poem “O fool, to try to carry the self upon thy own shoulders!” by Rabindranath Tagore…
एक पार्टी का झंडा लिये एक भीड़ मैदान से गुजरी है। अपनी पड़ोस का कुम्हार उसी में…
ओ प्रतिमा अनजानी, दिल की सतत कहानी कहता हूँ निज बात सुहानी, सुन लो ना। डूबा रहता…