तेरी सुरभि वहन कर लायी शीतल मलय बयार,
भारती तेरी जय हो!
तेरी स्मृति झंकृत कर जाती उर वीणा के तार
भारती तेरी जय हो!
अरुणोदय में सुन हंसासिनी तव पदचाप विहंग
थिरक थिरक गा रहा प्रभाती पुलकित सारा अंग
तेरे स्वागत में खिल जाती कुसुम कली साभार-
भारती तेरी जय हो!
तेरी ज्ञान किरण दिनकर सी विधु किरणोमय हास
तुम्हीं सरल सागर श्रद्धा सी हिमगिरि सी विश्वास
तेरी विशद कीर्ति के सम्मुख व्यर्थ व्योम विस्तार-
भारती तेरी जय हो!
तुम्हीं रंग विरहित क्षण क्षण में क्षण में रंग विरंग
तेरी करुणा कामधेनु-सी दया देवसरि गंग
तेरा दिव्य दुकूल दिशा दश तारावलि उर हार-
भारती तेरी जय हो!
तेरी रसवर्षिणी गिरा वर्धिनि आनंद प्रमोद
निरालम्ब आश्रय सुखदायिनि तेरी पंकिल गोद
तुम्हीं भाव वारिधर लुटाती अविरल प्रेम दुलार-
भारती तेरी जय हो!