विश्व पर्यावरण दिवस: सभ्यताएँ जंगलों का अनुसरण करती रही हैं
विश्व पर्यावरण दिवस पर अचानक ही एक श्लोक याद आ गया। श्लोक वृक्षों की जीवंत उपस्थिति और उनके शाश्वत मूल्य…
विश्व पर्यावरण दिवस पर अचानक ही एक श्लोक याद आ गया। श्लोक वृक्षों की जीवंत उपस्थिति और उनके शाश्वत मूल्य…
द्रौपदी के पाँच पुरुषों की पत्नी होने पर बहुत पहले से विचार-विमर्श होता रहा है। अनेक प्रकार के रीति-रिवाजों और…
दूसरों की गली का लगाते हो फेराकभी तुमने अपनी गली में न झाँकातितलियों के पीछे बने बहरवाँसूकभी होश आया नहीं…
I am only waiting for love to give myself at last into his hands. That is whyit is so late…
टिप्पणीकारी को लेकर काफी बातें करते रहने की जरूरत हमेशा महसूस होती है मुझे। मैं इस चिट्ठाजगत में टिप्पणीकारी के…
मेरी प्रविष्टि ’बस आँख भर निहारो…