आशीष त्रिपाठी का काव्य संग्रह शान्ति पर्व
शान्ति पर्व पढ़ गया। किसी पुस्तक को पढ़ कर चुपचाप मन…
गुरु गोरखनाथ की बानी – मेरा गुरु तीन छंद गावै
महान संत, योगी एवं नाथ संप्रदाय के संस्थापक गुरु गोरखनाथ की…
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता या निरंकुशता
अभिव्यक्ति, मनुष्य का नैसर्गिक गुण, जिससे हमारे विचार, हमारी भावनायें और…
नवागत प्रविष्टियाँ
सावित्री: स्वप्न और औत्सुक्य
द्वितीय दृश्य (वन प्रान्तर का दृश्य। पक्षियों का मधुर संगीत गुंजायमान है। दूर मन्दिरों की घंटियाँ एवं शंख-ध्वनि सुनायी पड़…
सावित्री: भूमिका
प्रथम दृश्य (मद्र नरेश अश्वपति का राजभवन। राजा रानी वार्तालाप करते हुए) महारानी : मेरे छत्रपति! हदय वल्लभ! मेरी जीभ…
कथा प्रसंग: जब शंकर के हृदय से सौन्दर्य लहरी फूट पड़ी
आचार्य शंकर की दिग्विजय का एक मर्मस्पर्शी कथा प्रसंग दृश्य प्रथम प्रत्यक्ष के लिए प्रमाण चाहते हो संन्यासी?” तांत्रिक अभिनव…
राजकुमार सदृश बालक जो वसन सुसज्जित (गीतांजलि का भावानुवाद)
टैगोर The child who is decked with prince’s robes and who has jeweled chains round his neck looses all pleasure…
राजा हरिश्चन्द्र: नाटक (नौ)
नाट्य-प्रस्तुतियों के इसी क्रम में प्रस्तुत है अनुकरणीय चरित्र ’राजा हरिश्चन्द्र’ पर लिखी प्रविष्टियाँ। सिमटती हुई श्रद्धा, पद-मर्दित विश्वास एवं…
ग्रीष्म गरिमा: कवि सत्यनारायण- दो
ग्रीष्म शृंखला में ब्रजभाषा से निकली यह ग्रीष्म गरिमा आपके सम्मुख है, कवि हैं अल्पज्ञात कवि सत्यनारायण। पहली कड़ी के…