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नवागत प्रविष्टियाँ

आशा (कविता)

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

सुहृद!मत देखो-मेरी शिथिल मंद गति,खारा पानी आँखों का मेरे,देखो-अन्तर प्रवहितउद्दाम सिन्धु की धारऔर हिय-गह्वर कामधु प्यार। मीत!मत उलझो-यह जो उर…

शैलबाला शतक: भोजपुरी काव्य रचना (बारह)

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

करुणामयी जगत जननी के चरणों में प्रणत निवेदन हैं शैलबाला शतक के यह छन्द! शैलबाला शतक के प्रारंभिक चौबीस छंद…