Social Icons

Press ESC to close

नवागत प्रविष्टियाँ

शैलबाला शतक: भोजपुरी स्तुति काव्य (आठ)

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

शैलबाला शतक: भोजपुरी स्तुति काव्य: 37-48  पूत भयों अस लोलक लइया सबै पुरुखा की बड़ाई बहाई माई की ड्यौढ़ी पै…

मैं चिट्ठाकार हूँ, पर गिरिजेश राव जैसा तो नहीं

मैं चिट्ठाकार हूँ, पर गिरिजेश राव जैसा तो नहीं जो बने तो निपट आलसी पर रचे तो जीवन-स्फूर्ति का अनोखा …

माँ की गोद ही चैत्र नवरात्रि है ..

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

एक ज्योति सौं जरैं प्रकासैं कोटि दिया लख बाती। जिनके हिया नेह बिनु सूखे तिनकी सुलगैं छाती। बुद्धि को सुअना…

शैलबाला शतक: भोजपुरी स्तुति काव्य (सात)

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

शैलबाला शतक नयनों के नीर से लिखी हुई पाती है। इसकी भाव भूमिका अनमिल है, अनगढ़ है, अप्रत्याशित है।करुणामयी जगत…

शैलबाला शतक: भोजपुरी स्तुति काव्य (छः)

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

शैलबाला शतक भगवती पराम्बा के चरणों में वाक् पुष्पोपहार है। यह स्वतः के प्रयास का प्रतिफलन हो ऐसा कहना अपराध…