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नवागत प्रविष्टियाँ

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मत पूछना वही प्रश्न

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

अगर कभी ऐसा होकि कहीं मिल जाओ तुमतो पूछने मत लगनावही अबूझे, अव्यक्त प्रश्नअपने नेत्रों सेक्योंकि मेरी चुप्पीफ़िर तोड़ देगी,व्यथित…

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हरिवंश राय बच्चन: संदेह यहाँ जन-जन के

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

मधुशाला व बच्चन पर फतवे की आंच अभी धीमी नहीं पड़ी होगी। हरिवंश राय बच्चन होते तो ऐसे फतवों के…

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हिन्दी ब्लॉग लेखन : विरुद्धों का सामंजस्य

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

हिन्दी ब्लॉग लेखन के कई अंतर्विरोधों में एक है सोद्देश्य, अर्थयुक्त एवं सार्वजनीन बन जाने की योग्यता रखने वाली प्रविष्टियों,…

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काश! मेरा मन (कविता)

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

काश! मेरा मनसरकंडे की कलम-सा होताजिसे छील-छाल कर,बना करभावना की स्याही में डुबाकरमैं लिखताकुछ चिकने अक्षरमोतियों-से,प्रेम के। अतिरिक्त कविता लिंक:…

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रचना का स्वान्तःसुख, सर्वान्तःसुख भी है

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

बिना किसी बौद्धिक शास्त्रार्थ के प्रयोजन से लिखता हूँ अतः ‘हारे को हरिनाम’ की तरह हवा में मुक्का चला लेता…