
आओ चलो, दीप रखते हैं (कविता)
आओ चलो, दीप रखते हैं कविता जीवन के हर उस कोने…
Arattai – संदेश और संवाद माध्यमों का स्वदेशी संस्करण
आत्मनिर्भर भारत के गुंजित स्वर में प्रधानमंत्री के स्वदेशी अपनाने के…
आशीष त्रिपाठी का काव्य संग्रह शान्ति पर्व
शान्ति पर्व पढ़ गया। किसी पुस्तक को पढ़ कर चुपचाप मन…
नवागत प्रविष्टियाँ
सौन्दर्य लहरी (छन्द संख्या 41-45)
सौन्दर्य लहरी आदि शंकर की अप्रतिम सर्जना का अन्यतम उदाहरण है। निर्गुण, निराकार अद्वैत ब्रह्म की आराधना करने वाले आचार्य…
बस इतना ही स्वल्प हमारा (गीतांजलि का भावानुवाद)
Geetanjali: Rabindra Nath Tagore Tagore by Chiranjit Mitra (CC BY-NC-ND 3.0) Let only that little be left of me whereby…
निर्वाण षटकम्: आचार्य शंकर
आचार्य शंकर की विशिष्ट कृति सौन्दर्य लहरी के पठन क्रम में इस स्तोत्र-रचना निर्वाण षटकम् से साक्षात हुआ था ।…
सौन्दर्य लहरी (छन्द संख्या 36-40)
सौन्दर्य लहरी संस्कृत के स्तोत्र-साहित्य का गौरव-ग्रंथ व अनुपम काव्योपलब्धि है। आचार्य शंकर की चमत्कृत करने वाली मेधा का दूसरा…
अभीं था दिवस ममालय बीच (गीतांजलि का भावानुवाद)
Geetanjali: Rabindra Nath Tagore A portrait by Samarjit Roy (Licensed Under: CC BY-NC-ND 2.5 IN) When It was day they…
नल दमयंती: प्रथम मिलन
नल दमयंती: तृतीय दृश्य (रनिवास का दृश्य। नल चकित होकर रनिवास देखता है। दमयंती का प्रवेश।) दमयंती: हे वीराग्रणी! आप…