कल आम खाते हुए मेरी भतीजी ने मुझसे पूछा –
“फलों का राजा तो आम है । फलों की रानी कौन है ? ”
मैं निरुत्तर, जवाब कहाँ ढूँढ़ता – आ गया आपके पास । आप बतायें मुझे ।
कल आम खाते हुए मेरी भतीजी ने मुझसे पूछा –
“फलों का राजा तो आम है । फलों की रानी कौन है ? ”
मैं निरुत्तर, जवाब कहाँ ढूँढ़ता – आ गया आपके पास । आप बतायें मुझे ।
बात विचारणीय है। फलों में लिंग अनुपात हमारे हरियाणा-गुजरात से भी गया गुजरा है! एक लीची मिली स्त्री-फल-वर्ग की प्रतिनिधि के रूप में। पर पता नहीं वह आम की रानी बनने के काबिल है या नहीं। देखते हैं, बाकी पाठक क्या सुझाव रखते हैं।
किसी की नजर न लगे इस लिए रानी पर्दे में रहती है छुप कर।
मूंगफली!
लीची.. को बना दो रानी..
खुश हो जायेगी भतीजी सयानी..
ऊपर दिये सवालों में से कोई चुन लें।
ज्ञान जी वाली मकोई चलेगी क्या..दलित को कुछ तो मौका दो!!
Makoi…
ham bhi gyan ji ke paksha me hain.. 🙂
आजकल के बच्चे भी कमाल का प्रश्न करते हैं .. उत्तर देना आसान नहीं होता।
भतीजे सवाल बडा कसरती किया है. मेरी समझ से चेरी या रासबेरी को यह पदवी दी जाये तो कैसा रहे? नही..नही..बस एक सुझाव है..आगे जैसी पंचों की राय..
रामराम.
कहीं बेचारे क्वारे ही तो नहीं ?
त्वरित जवाब -लीची !
हमने भी उत्तर निश्चित कर ही लिया, और बता दिया अपनी भतीजी को – लीची ।
हिमांशुजी, यह तो आपने अपनी पसन्द बताई है…बिटिया को चेरी, लीची और रसभरी खिलाइए..खाने के बाद स्वाद जान पहचान कर खुद ही उसे फैसला करने दे….तब वह और भी खुश हो जाएगी…
leechii hee kehtey haen
lichi hi hai guru ji
इमली के बारे में क्या ख़याल है?
narangi ke bare me kya khiyal hai bhiya