डिग (Digg) पर सफर करते हुए उसके आर्ट्स एंड कल्चर (Art & Culture) वर्ग से इस रोचक चित्रावली का लिंक मिला । कल्पनाशीलता और उसके प्रस्तुतिकरण दोनों ने लुभाया । मूल ब्लॉग से साभार, आपके सम्मुख भी ज्यों का त्यों प्रस्तुत कर रहा हूँ इन्हें –
जरा कुछ बताइये ना, कितना देखा अपना सच, अपनी हरकत !
काफी रोचक…….शुक्रिया
अपनी हरकतो से थे अन्जान
हरकतो ने कराया रुबरु
हमे अपनी जमीं से
हम तो भुल गये थे
अपनी हरकते।
हरकतो की जानकारी के लिये धन्यवाद..
प्रस्तुतिकरण लाजवाब है .
लाजवाब और अदभुत, बहुत आनंद आया.
रामराम.
सुंदर दृश्यावली है।
हा !
क्रिएटिव !
रोचक!!
जोरदार..
chubhati hui
Kamaal ki !
dilchasp….aor majedaar….
🙂 first time here.. quite funny..have to read ur other posts also now..
Bahut khoob sir