Monthly Archives

September 2009

Ramyantar, Translated Works

अति प्रिय तुम हमसे अनन्य हो गये..

चारुहासिनी (मेरी भतीजी) की जिद है, इसलिये ये स्वागत-गीत यहाँ पोस्ट कर रहा हूँ । उसके स्कूल में इस स्वतंत्रता दिवस पर गाने के लिये रचनायें दी थीं – उनमें यह भी था । उसकी जिद है कि “अपना तो…

Ramyantar

मैंने जो क्षण जी लिया है ….

मैंने जो क्षण जी लिया है उसे पी लिया है , वही क्षण बार-बार पुकारते हैं मुझे और एक असह्य प्रवृत्ति जुड़ाव की महसूस करता हूँ उर-अन्तर क्षण जीता हूँ, उसे पीता हूँ तो स्पष्टतः ही उर्ध्व गति है, क्षण…

Ramyantar

जितनी मेरी बिसात है काम आ रहा हूँ मैं ….

क्या कहेंगे आप इसे ? संघर्ष ? समर्पण ? निष्ठा ? जिजीविषा ? आसक्ति ? या एक धुन ? मैं निर्णय नहीं कर पा रहा । चित्र तो देख रहे होंगे आप। उसमें रात है, अंधेरा भी । उस अंधेरे…

Ramyantar

जागो मेरे संकल्प मुझमें ….

जागो मेरे संकल्प मुझमें कि भोग की कँटीली झाड़ियों में उलझे, भरपेट खाकर भी प्रतिपल भूख से तड़पते स्वर्ण-पिंजर युक्त इस जीवन को मुक्त करूँ कारा-बंधों से, दग्ध करूँ प्रेम की अग्नि-शिखा में । मेरा मनोरथ सम्हालो मेरे प्रिय !…

Ramyantar

कैसे ठहरेगा प्रेम जन्म-मृत्यु को लाँघ …

तुम आते थे मेरे हृदय की तलहटी में मेरे संवेदना के रहस्य-लोक में मैं निरखता था- मेरे हृदय की श्यामल भूमि पर वन्यपुष्प की तरह खिले थे तुम । तुम आते थे अपने पूरे प्रेमपूर्ण नयन लिये निश्छल दूब का…

Article on Authors

सीताकान्त महापात्र : समय और शब्द के कवि

यथार्थ और अनुभूति के विरल सम्मिश्रण से निर्मित कविता के कवि डॉ० सीताकांत महापात्र का जन्मदिवस है आज। हिन्दी जगत में भली भाँति परिचित अन्य भाषाओं के कवियों में उड़िया के इस महत्वपूर्ण हस्ताक्षर का स्थान अप्रतिम है। डॉ० नामवर…

Ramyantar

सब कुछ अदभुत …

अद्भुत छलाँग । अद्भुत फिल्मांकन । अद्भुत प्रस्तुति । यहाँ देखा, इच्छा हुई, साभार प्रस्तुत है –

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हिन्दी दिवस पर ’क्वचिदन्यतोऽपि”

हिन्दी दिवस की शुभकामनाओं सहित क्वचिदन्यतोऽपि पर की गयी टिप्पणी प्रसंगात यहाँ प्रस्तुत कर दे रहा हूँ –  “देर से देख रहा हूँ, पर हिन्दी दिवस के दिन देख रहा हूँ – संतोष है । इसका कुछ निहितार्थ भी जाने…