I came out alone on my way to my tryst. But who is this that follows me…
चारुहासिनी (मेरी भतीजी) की जिद है, इसलिये ये स्वागत-गीत यहाँ पोस्ट कर रहा हूँ । उसके स्कूल…
मैंने जो क्षण जी लिया है उसे पी लिया है , वही क्षण बार-बार पुकारते हैं मुझे…
क्या कहेंगे आप इसे ? संघर्ष ? समर्पण ? निष्ठा ? जिजीविषा ? आसक्ति ? या एक…
जागो मेरे संकल्प मुझमें कि भोग की कँटीली झाड़ियों में उलझे, भरपेट खाकर भी प्रतिपल भूख से…
तुम आते थे मेरे हृदय की तलहटी में मेरे संवेदना के रहस्य-लोक में मैं निरखता था- मेरे…