चारुहासिनी (मेरी भतीजी) की जिद है, इसलिये ये स्वागत-गीत यहाँ पोस्ट कर रहा हूँ । उसके स्कूल में इस स्वतंत्रता दिवस पर गाने के लिये रचनायें दी थीं – उनमें यह भी था । उसकी जिद है कि “अपना तो सब यहाँ लिख देते हैं, मेरा भी यह गीत यहाँ लिख दीजिये ।” जिद पूरी कर रहा हूँ – इसी बहाने यह टंकित भी हो जायेगा –
अतिथि मंगल के मूल, अति प्रिय तुम हमसे अनन्य हो गये
आज स्वागत के फूल, झूल तेरी ग्रीवा में धन्य हो गये ।
आये तुम अति सुख का सागर लहराया
मन खग को मिली तेरी प्रेम तरु की छाया,
मेरे कंटक के शूल, लगता है अब मरणासन्न हो गये ।
देख तुम्हें जन-जन का आज हृदय हरषा
तेरी करुणा का सजल सावन-घन बरसा,
तेरी प्रीति का दुकूल,लहरा कि कण-कण आच्छन्न हो गये।
रिक्त इस अकिंचन के पूजा की थाली
आप को निहार बस बजाते करताली,
पूर्ण परिसर के कूल, रहे जो विपन्न अब प्रसन्न हो गये ।
अपनी अभिलाषायें अब हुई वसन्ती
आशीषें आपकीं मिली हैं रसवन्ती,
कष्ट कंटक बबूल, सुरभित मधु रस से सम्पन्न हो गये ।
बहुत अलग सा मगर बढ़िया सा विदाई गीत !
सुमधुर गीत,
himanshu bhaaI namskaar office me deshaharaa manaayaa jaa rahaa hai.
aapkee bhatijee to bahut acchee rachnaa pesh karatee hai
@ main comment bina padhe hi likhne wala tha 'bahut accha swagat geet' par arvind mishra ka comment padha to man main khatka hua….
himanshu ji mera e mail id to aap jaante hi hain….
🙂
bahut hi sundar geet
पसंद आया यह विदाई गीत सुन्दर
चारुहासिनी नाम बहुत प्यारा है। उतना ही प्यारा स्वागत-गीत है।
आगे भी उसकी पसंद प्रकाशित होनी चाहिए।
हिमांशु भाई जेसा चाचा वेसी भतीजी, बहुत सुंदर रचना लिखी, ओर बिटिया का नाम भी बहुत प्यारा लगा. हमारा प्यार देना.
धन्यवाद
अतिथि मंगल के मूल, अति प्रिय तुम हमसे अनन्य हो गये
आज स्वागत के फूल, झूल तेरी ग्रीवा में धन्य हो गये ।
बहुत ही मनभावन गीत . भाई भतीजी के लिए बधाई और प्रस्तुति के लिए आपको भी ….
बहुत सुंदर गीत. शुभकामनाएं.
रामराम.
bahut sundar svagat geet .
aapki bhtiji ka nam bahut pyara hai .
use ashirwad
shubhkamnaye
बेहतरीन गीत है जी
@ सभी टिप्पणीकार, यह गीत स्वागत गीत है, मेरी भतीजी ने नहीं लिखा है इसे । उसकी जिद इसलिये थी कि इस गीत को वह अपनी अपरिपक्व आवाज में गा लेती है ।
आभार ।
पूत के पग पालने में नजर आ रहे हैं … इतने बचपन से ही सुन्दर कविता का चयन …चारुहासिनी के बेहतर भविष्य के साथ दशहरे की भी बहुत शुभकामनायें ..!!
इष्ट मित्रों एवम कुटुंब जनों सहित आपको दशहरे की घणी रामराम.
चारुहासिनी! बहुत ही सुन्दर नाम है..
आपकी कविताओं में हिंदी के सुन्दर नए शब्दों का संयोजन देखते ही बनता है..यह स्वागत गीत भी इसी तरह के सुन्दर शब्दों से सजा है..बहुत ख़ुशी हुई जानकार की आप की भतीजी इसे लयबद्ध सुना सकी..इसमें कुछ शब्द बोलने में थोडा मुश्किल हैं.बधाई..स्कूल में भी खूब सराहा गया होगा आप की लिखी इस रचना को.
दशहरा और दुर्गा पूजा की शुभकामनाएं.