सौन्दर्य लहरी संस्कृत के स्तोत्र-साहित्य का गौरव-ग्रंथ व अनुपम काव्योपलब्धि है। आचार्य शंकर की चमत्कृत करने वाली…
अम्मा सोहर की पंक्तियाँ गुनगुना रही हैं – “छापक पेड़ छिउलिया कि पतवन गहवर हो…”। मन टहल…
करुणावतार बुद्ध- 1, 2, 3, 4, 5 के बाद प्रस्तुत है छठीं कड़ी- करुणावतार बुद्ध सिद्धार्थ: यह…
बीती रात मैंने चाँद से बातें की । बतियाते मन उससे एकाकार हुआ । रात्रि के सिरहाने…
करुणावतार बुद्ध- 1, 2, 3, 4 के बाद प्रस्तुत है पाँचवीं कड़ी- (चतुर्थ दृश्य ) (सिद्धार्थ तीव्र…
एक आलसी का चिट्ठा । गिरिजेश राव का चिट्ठा। स्वनाम कृतघ्न आलसी का चिट्ठा। यहाँ पहुँचते ही…