इस थकानमय निशि में प्रिय.. (गीतांजलि का भावानुवाद )
In the night of weariness let me give myself up to sleep without struggle, resting my trust upon thee. Let…
In the night of weariness let me give myself up to sleep without struggle, resting my trust upon thee. Let…
बिहारी फाग-रंग चढ़ गया है इन दिनों सब पर ! नदा कर चुप बैठा हूँ, ये ओरहन सुनना ठीक नहीं…
घनानंद (राग केदारौ) फाग-रंग चढ़ गया है इन दिनों सब पर ! नदा कर चुप बैठा हूँ, ये ओरहन सुनना…
सखि ऊ दिन अब कब अइहैं, पिया संग खेलब होरी । बिसरत नाहिं सखी मन बसिया केसर घोरि कमोरी ।…
तुम क्यों उड़ जाते काग नहीं ! व्याकुल चारा बाँटते प्रकट क्यों कर पाते अनुराग नहीं । दायें बायें गरदन…
Photo Source : Google तुमने चुपके से मुझे बुलाया । पूजा की थाली लेकर साँझ सकारे हाथों में, तुम चली…