Life: A Haiku
आज तुम मेरे सम्मुख हो, मैं तुम्हारे ‘आज’ को ‘कल’ की रोशनी में देखना चाहता हूँ। देखता…
(Photo credit: MarianOne) आज फिर एक चहकता हुआ दिन गुमसुमायी सांझ में परिवर्तित हो गया, दिन का…
दिन गये, तो ठीक न गये, रुके रहे तो और भी ठीक। रात गयी, तो ठीक न…
विश्वास के घर मेंअमरुद का एक पेड़ थाएक दिनउस पेड़ की ऊँची फ़ुनगी परएक उल्लू बैठा दिखा,माँ…
अगर कभी ऐसा होकि कहीं मिल जाओ तुमतो पूछने मत लगनावही अबूझे, अव्यक्त प्रश्नअपने नेत्रों सेक्योंकि मेरी…