जागो मेरे संकल्प मुझमें कि भोग की कँटीली झाड़ियों में उलझे, भरपेट खाकर भी प्रतिपल भूख से…
तुम आते थे मेरे हृदय की तलहटी में मेरे संवेदना के रहस्य-लोक में मैं निरखता था- मेरे…
अद्भुत छलाँग । अद्भुत फिल्मांकन । अद्भुत प्रस्तुति । यहाँ देखा, इच्छा हुई, साभार प्रस्तुत है –
यह पृष्ठ मेरी सम्पूर्ण प्रविष्टियों को उनकी स्थायी वेब-लिंक्स (Post Permalinks), प्रकाशन दिनांक (Date of Posting) एवं…
शिक्षक-दिवस पर प्रस्तुत कर रहा हूँ ’हेनरी एल० डेरोजिओ”(Henry L. Derozio) की कविता ’To The Pupils’ का…
मेरा एक विद्यार्थी ! या और भी कुछ । कई सीमायें अतिक्रमित हो जाती हैं । आज…