सौन्दर्य लहरी का हिन्दी भाव रूपांतर कवीन्द्राणां चेतःकमलवनबालातपरुचिंभजन्ते ये सन्तः कतिचिदरुणामेव भवतीम् ।विरिंचिप्रेयस्यास्तरुणतरश्रृंगारलहरी-गभीराभिर्वाग्भिर्विदधति सतां रंजनममी ॥16॥ कमल…
सौन्दर्य लहरी का हिन्दी भाव रूपांतर त्वदीयं सौंदर्यं तुहिनगिरि कन्ये तुलयितुं ।कवींद्राः कल्पंते कथमपि विरिंचि प्रभृतयः ॥यदालोकौत्सुक्यादमरललना…
साहित्य क्यों? (Why Literature ?): मारिओ वर्गास लोसा (Mario Vargas Llosa) प्रस्तुत है पेरू के प्रख्यात लेखक…
साहित्य क्यों ? (Why Literature ?) : मारिओ वर्गास लोसा (Mario Vargas Llosa) प्रस्तुत है पेरू के…
साहित्य क्यों ? (Why Literature ?) : मारिओ वर्गास लोसा (Mario Vargas Llosa) प्रस्तुत है पेरू के…
पुस्तक को असमय श्रद्धांजलि: साहित्य क्यों? – मारिओ वर्गास लोसा साहित्य ने अपनी ग्राह्यता प्रेम इच्छाओं और…