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नवागत प्रविष्टियाँ

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सौन्दर्य लहरी (छन्द संख्या 4-6)

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

सौन्दर्य लहरी का हिन्दी भाव रूपांतर त्वदन्यः पाणिभ्यामभयवरदो दैवतगणःत्वमेका नैवासि प्रकटित वराभीत्यभिनया,भयात् त्रातुं दातुं फलमपि च वांछासमधिकंशरण्ये लोकानां तव हि…

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नये साल में रामजी इतनी-सी फरियाद

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

उल्लास की संभावनायें लेकर आता है नववर्ष। न जाने कितनी शुभाकांक्षायें, स्वप्न, छवियाँ हम सँजोते हैं मन में नये वर्ष…