आओ चलो, दीप रखते हैं (कविता)
आओ चलो, दीप रखते हैं कविता जीवन के हर उस कोने…
Arattai – संदेश और संवाद माध्यमों का स्वदेशी संस्करण
आत्मनिर्भर भारत के गुंजित स्वर में प्रधानमंत्री के स्वदेशी अपनाने के…
आशीष त्रिपाठी का काव्य संग्रह शान्ति पर्व
शान्ति पर्व पढ़ गया। किसी पुस्तक को पढ़ कर चुपचाप मन…
नवागत प्रविष्टियाँ
सौन्दर्य लहरी (छन्द संख्या 4-6)
सौन्दर्य लहरी का हिन्दी भाव रूपांतर त्वदन्यः पाणिभ्यामभयवरदो दैवतगणःत्वमेका नैवासि प्रकटित वराभीत्यभिनया,भयात् त्रातुं दातुं फलमपि च वांछासमधिकंशरण्ये लोकानां तव हि…
शिशिर बाला
साढ़े छः बजे हैं अभी। नींद खुल गयी है पूरी तरह। पास की बन्द खिड़की की दरारों से गुजरी हवा…
करुणावतार बुद्ध: नौ
करुणावतार बुद्ध- 1, 2, 3, 4, 5,6,7, 8 के बाद प्रस्तुत है नौवीं कड़ी… करुणावतार बुद्ध (ब्राह्मण उन्हें नहीं छोड़ते,…
नये साल में रामजी इतनी-सी फरियाद
उल्लास की संभावनायें लेकर आता है नववर्ष। न जाने कितनी शुभाकांक्षायें, स्वप्न, छवियाँ हम सँजोते हैं मन में नये वर्ष…
करुणावतार बुद्ध: आठ
करुणावतार बुद्ध- 1, 2, 3, 4, 5 ,6, 7 के बाद प्रस्तुत है आठवीं कड़ी… ब्राह्मण: इतनी विकलता क्यों वैरागी?…
जब हो जाये दिवसान्त शान्त (गीतांजलि का भावानुवाद )
If the day is done, if birds sing no more, if the wind has flagged tired, then draw the veil…