आशीष त्रिपाठी का काव्य संग्रह शान्ति पर्व
शान्ति पर्व पढ़ गया। किसी पुस्तक को पढ़ कर चुपचाप मन…
गुरु गोरखनाथ की बानी – मेरा गुरु तीन छंद गावै
महान संत, योगी एवं नाथ संप्रदाय के संस्थापक गुरु गोरखनाथ की…
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता या निरंकुशता
अभिव्यक्ति, मनुष्य का नैसर्गिक गुण, जिससे हमारे विचार, हमारी भावनायें और…
नवागत प्रविष्टियाँ
सौन्दर्य लहरी (छन्द संख्या 46-50)
सौन्दर्य लहरी का हिन्दी काव्यानुवाद भ्रुवौ भुग्ने किं चिद्भुवनभयभंगव्यसनिनित्वदीये नेत्राभ्यां मधुकररुचिभ्यां धृतगुणम् ॥धनुर्मन्ये सव्येतरकरगृहीतं रतिपतेःप्रकोष्ठे मुष्टौ च स्थगयति निगूढान्तरमुमे ॥४६॥कुटिल…
नल दमयंती: दमयंती स्वयंवर
दमयंती स्वयंवर : पंचम दृश्य (दमयंती स्वयंवर का महोत्सव। नृत्य गीतादि चल रहे हैं। राजा महाराजा पधार रहे हैं। सब…
नल दमयंती: स्वयंवर की तैयारी
नल: (उसकी बाहें पकड़कर सम्हालते हुए तथा आँसू पोंछते हुए) सुकुमारी! रोना अशुभ है, अतः मत रोओ। यदि मेरे अपराध…
सौन्दर्य लहरी (छन्द संख्या 41-45)
सौन्दर्य लहरी आदि शंकर की अप्रतिम सर्जना का अन्यतम उदाहरण है। निर्गुण, निराकार अद्वैत ब्रह्म की आराधना करने वाले आचार्य…
बस इतना ही स्वल्प हमारा (गीतांजलि का भावानुवाद)
Geetanjali: Rabindra Nath Tagore Tagore by Chiranjit Mitra (CC BY-NC-ND 3.0) Let only that little be left of me whereby…
निर्वाण षटकम्: आचार्य शंकर
आचार्य शंकर की विशिष्ट कृति सौन्दर्य लहरी के पठन क्रम में इस स्तोत्र-रचना निर्वाण षटकम् से साक्षात हुआ था ।…