Silence – A Fable (Photo credit: thepeachmartini) |
मुझे नहीं लगता
कि खामोशी जवाब नहीं देती।
मैं समझता हूँ
खामोशी एक तीर्थ है
जहाँ हर बुरा विचार
अपनी बुराई धो डालता है ।
ये हो सकता है की तीर्थ के रास्ते में
कठिनाइयों का अम्बार हो,
और इसीलिये हर खामोशी भी शायद
कई गम और निराशाओं का भण्डार हो
लेकिन अंत फिर भी श्रेयस्कर है-
तीर्थ या फ़िर खामोशी।
संस्कार, आचार
सही अर्थों में आत्मा का संचार
जिस तरह तीर्थ दिया करता है
खामोश विश्रब्द्ध एवं शांत,
बस उसी तरह खामोशी भी दिया करती है
हर अनसुलझे, सिमटे और सहमे
प्रश्नों का उत्तरान्त।
वस्तुतः खामोशी हर प्रश्न का जवाब है
और सौंदर्य भी ।
khamoshi mein atm-sakshatkar hota hai aur
unsuljhey prashno ka jawab mil jaata hai–
achcha likha hai–
dhnywaad
बस उसी तरह खामोशी भी दिया करती है
हर अनसुलझे, सिमटे और सहमे
प्रश्नों का उत्तरान्त।
वस्तुतः खामोशी हर प्रश्न का जवाब है
और सौंदर्य भी ।
बहुत खूब कहा आपने
बहुत ही यथार्थवादी रचना है!
इस खामोशी के सौन्दर्य को करुनावतार बुद्ध के सन्दर्भ में
रख सकोगे मित्र !/?
बुद्ध के मौन के सौन्दर्य को जानने में सब उलझे हैं , व्याख्या का
करना बंधु !