)
कविता
उमड़ आयी अन्तर्मन में
जैसे उतर आता है
मां के स्तनों में दूध।

) 
कविता का छन्द
सध गया वैसे ही
जैसे स्काउट की ताली में
मन का उत्साह।

) 
कविता का शब्द
सज गया बहुविधि
जैसे बनने को माला
सजते हैं फूल।

)
कविता का अर्थ
शब्दों के अन्तराल में निखर गया
जैसे रिश्ते
दोनों छोर के तनाव में।

)
कविता का राग
बरस गया जीवन में
जैसे बरसती है ईश-कृपा
अकिंचन संसार में।

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Last Update: June 19, 2021

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