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Article | आलेख

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Article | आलेख, Article on Authors, Literary Classics

मुक्तिबोध की हर कविता एक आईना है

मुक्तिबोध की हर कविता एक आईना है

आज गजानन माधव मुक्तिबोध का जन्मदिवस है, एक अप्रतिम सर्जक का जन्मदिवस। याद करने की बहुत-सी जरूरतें हैं इस कवि को। मुक्तिबोध प्रश्नों की धुंध में छिपे उत्तरों की तलाश करते हैं- चोट पर चोट खाकर, आघात पर आघात सहकर।…

General Articles, Religion and Spirituality

छठ पूजा : परम्परा एवं सन्दर्भ

छठ पूजा के सन्दर्भ में यह समझना होगा कि हमारी परम्परा में विभिन्न ईश्वरीय रूपों की उपासना के लिए अलग-अलग दिन-तिथियों का निर्धारण है। जैसे गणेश पूजा के लिए चतुर्थी, विष्णु-पूजा के लिए एकादशी आदि। इसी प्रकार सूर्य के लिए…

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के० शिवराम कारंत : मूकज्जी का मुखर सर्जक

के० शिवराम कारंत Kota Shivaram Karanth – भारतीय भाषा साहित्य का एक उल्लेखनीय नाम, कन्नड़ साहित्य की समर्थ साहित्यिक विभूति, बहुआयामी रचना-कर्म के उदाहरण-पुरुष!  सर्जना में सत्य और सौन्दर्य के प्रबल जिज्ञासु कारंत जीवन को सम्पूर्णता और यथार्थता में निरखने…

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सीताकान्त महापात्र : समय और शब्द के कवि

यथार्थ और अनुभूति के विरल सम्मिश्रण से निर्मित कविता के कवि डॉ० सीताकांत महापात्र का जन्मदिवस है आज। हिन्दी जगत में भली भाँति परिचित अन्य भाषाओं के कवियों में उड़िया के इस महत्वपूर्ण हस्ताक्षर का स्थान अप्रतिम है। डॉ० नामवर…

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हिन्दी दिवस पर ’क्वचिदन्यतोऽपि”

हिन्दी दिवस की शुभकामनाओं सहित क्वचिदन्यतोऽपि पर की गयी टिप्पणी प्रसंगात यहाँ प्रस्तुत कर दे रहा हूँ –  “देर से देख रहा हूँ, पर हिन्दी दिवस के दिन देख रहा हूँ – संतोष है । इसका कुछ निहितार्थ भी जाने…

Ramyantar, Religion and Spirituality

कई बार निर्निमेष अविरत देखता हूँ उसे

कई बार निर्निमेष अविरत देखता हूँ उसे यह निरखना उसकी अन्तःसमता को पहचानना है मैं महसूस करता हूँ नदी बेहिचक बिन विचारे अपना सर्वस्व उड़ेलती है फिर भी वह अहमन्य नहीं होता सिर नहीं फिरता उसका; उसकी अन्तःअग्नि, बड़वानल दिन…

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हजारी प्रसाद द्विवेदी की रचनाओं में मानवीय संवेदना

ऋग्वेद में वर्णन आया है : ‘शिक्षा पथस्य गातुवित’, मार्ग जानने वाले , मार्ग ढूढ़ने वाले और मार्ग दिखाने वाले, ऐसे तीन प्रकार के लोग होते हैं। साहित्यिकों की गणना इस त्रिविध वर्ग में होती है। सबसे अधिक योग्यता मैं…

Ramyantar, Religion and Spirituality

पर्यावरण के प्रति प्रेम का अनूठा प्रतीक-बंधन

राखी बीत गयी । बहुत कुछ देखा, सुना, अनुभूत किया – पर एक दृश्य अनावलोकित रह गया, एक अनुभव फिसल गया । मेरे कस्बे सकलडीहा के बहुत नजदीक के एक गाँव की दो बच्चियों ने रक्षाबंधन पर राखी बाँधी ,…

Blog & Blogger, Hindi Blogging

मैं चिट्ठाकार हूँ, पर…

[मैं चिट्ठाकार हूँ, पर … हिन्दी ब्लॉगिंग के धुरंधर लिक्खाड़ों की लेखनी पर सहज प्रकाश डालने का लघु उद्यम है। छोटी टिप्पणियाँ होंगी पर काम की होंगी और उस ब्लॉगर के प्रतिनिधि लेखन का वैशिष्ट्य निरूपित करने का प्रयास होंगी।…

Blog & Blogger, Hindi Blogging

क्या ब्लॉग साहित्य है ? – मेरी हाजिरी

बिजली आ गयी । हफ्ते भर बाद । ’बूड़े थे पर ऊबरे’ । बिजली की अनुपस्थिति कुछ आत्मबोध करा देती है । रमणियों की तरह इसकी एक झलक पाने की उत्कंठा रहने लगी है मन में । आज ही, अभी…