दिन गये, तो ठीक न गये, रुके रहे तो और भी ठीक। रात गयी, तो ठीक न…
Poetry
कविता श्रेणी के अन्तर्गत छंदबद्ध एवं छंदमुक्त कविताएँ संकलित की गई हैं। साथ ही ग़ज़लें, गीत, हाइकु, दोहे इत्यादि भी इसी श्रेणी में उपश्रेणियाँ बनाकर प्रकाशित की गई हैं। छंदबद्ध कविताओं के अन्तर्गत सुभाषित, भजन, क्रियात्मक गीत एवं संवाद गीत संकलित हैं तथा छंदमुक्त कविताओं के अन्तर्गत मुक्त छंद की कविताएँ, हाइकु एवं लघु कविताएँ संकलित हैं। यह कविताएँ स्वरचित भी हैं तथा अन्य कवियों की भी प्रिय रचनायें किसी विशेष प्रयोजनवश सुविधानुसार प्रकाशित की गई हैं।
विश्वास के घर में अमरुद का एक पेंड़ था एक दिन उस पेंड़ की ऊँची फ़ुनगी पर…
Marigold (Photo credit: soul-nectar) कहता है विरहित मन, कर ले तू कोटि जतन रुकना अब हाय नहीं,…
Woman (Source: in.com) देखा मैंने, चल रही थी ‘बस’। विचार उद्विग्न हो आये विस्तार के लिये संघर्ष…
हर शख्स अपने साथ मैं खुशहाल कर सकूँ मेरी समझ नहीं कि ये कमाल कर सकूँ। फैली…
BEHIND WHICH DOOR, (Photo credit: marc falardeau) गुजरता था मैं जब भी दरवाजे से खुला रहता था…