आओ चलो, दीप रखते हैं (कविता)
आओ चलो, दीप रखते हैं कविता जीवन के हर उस कोने…
Arattai – संदेश और संवाद माध्यमों का स्वदेशी संस्करण
आत्मनिर्भर भारत के गुंजित स्वर में प्रधानमंत्री के स्वदेशी अपनाने के…
आशीष त्रिपाठी का काव्य संग्रह शान्ति पर्व
शान्ति पर्व पढ़ गया। किसी पुस्तक को पढ़ कर चुपचाप मन…
नवागत प्रविष्टियाँ
वह है कौन मौन तम में … (गीतांजलि का भावानुवाद )
I came out alone on my way to my tryst. But who is this that follows me in the silent…
सीताकान्त महापात्र : समय और शब्द के कवि
यथार्थ और अनुभूति के विरल सम्मिश्रण से निर्मित कविता के कवि डॉ० सीताकांत महापात्र का जन्मदिवस है आज। हिन्दी जगत…
क्या दूर सुहृद ! प्रियतम ! निराश चित्कार रहा अम्बर-अन्तर (गीतांजलि का भावानुवाद )
Art thou abroad on this stormy night on the journey of love, my friend ? The sky groans like one…
हिन्दी दिवस पर क्वचिदन्यतोऽपि
हिन्दी दिवस की शुभकामनाओं सहित क्वचिदन्यतोऽपि पर की गयी टिप्पणी प्रसंगात यहाँ प्रस्तुत कर दे रहा हूँ। हिन्दी दिवस के…
बचपन, यौवन, वृद्धपन (कविता)
बचपन! तुम औत्सुक्य की अविराम यात्रा हो, पहचानते हो, ढूढ़ते हो रंग-बिरंगापन क्योंकि सब कुछ नया लगता है तुम्हें। यौवन!…
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की रचना क़ानून ताज़ीरात शौहर – भाग 3
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के बहुआयामी एवं विशिष्ट रचना-कर्म से चुनकर उनकी एक उल्लेखनीय रचना क़ानून ताज़ीरात शौहर (पति दंड विधान) प्रस्तुत…