तुमने अपने हृदय में जो अनन्त वेदनासमो ली हैऔर उस वेदना को हीअपनी अमूल्य सम्पत्ति समझउसे पोषित…
वह तुम्हारा मुक्त हृदय था जिसने मुझे प्यार का विश्वास दिया, मैं तुम्हें प्यार करने लगा। मैं…
अब का पूछ्त हउआ हमसे कि होली का होला। कइसे तोंहके हाल बताई कवन तरीके से समझाई…
बनारस के प्रकाशन-संस्थानों में हिन्दी प्रचारक संस्थान एवं इसके प्रकाशक-निदेशक श्री कृष्णचन्द्र बेरी का एक विशेष महत्व…
I ask for a moment’s indulgence to sit by thy side is one of the lyrical poems…
हम सबके अपने-अपने अलग-अलग ईश्वर कानाफूसी किया करते हैं। क्या संसार के हम सभी लोगों को चुप…