काश! मेरा मन सरकंडे की कलम- सा होता जिसे छील-छाल कर, बना कर भावना की स्याही में डुबाकर मैं लिखता कुछ चिकने अक्षर – मोतियों-से, प्रेम के।
बिना किसी बौद्धिक शास्त्रार्थ के प्रयोजन से लिखता हूँ अतः ‘हारे को हरिनाम’ की तरह हवा में मुक्का चला लेता हूँ, और अपनी बौद्धिक ईमानदारी निभा लेता हूँ। स्वान्तःसुखाय रचना भी विमर्श के झमेले में पड़ जाय तो क्या करें…
A Close Capture of Hand-written Love-Letters स्नातक कक्षा में पढ़ते हुए कई किस्म के प्रेम पत्र पढ़े। केवल अपने ही नहीं, दूसरों के भी। अपनी इच्छा से नहीं, दूसरों की इच्छा से। उनमें से कुछ ऐसे थे जिन्होंने बहुत भीतर…
Mosquito net (Photo credit: quinet) मच्छरदानी लगाना मेरे कस्बे में सुरक्षित व सभ्य होने की निशानी है । मैं मच्छरदानी नहीं लगाता तो इसका मतलब है कि मैं हाईस्कूल की जीव विज्ञान की पुस्तक का सबक भूल गया हूँ ,…
“इस नजाकत का बुरा हो , वो भले हैं तो क्या। हाथ आयें तो उन्हें हाथ लगाये न बने॥” (ग़ालिब ) तकनीकी रूप से सिद्धहस्त हैं तो भी क्या ? अपनी नयी निराली प्रविष्टियों के लिए बहुप्रशंसित हैं तो भी…
Silence – A Fable (Photo credit: thepeachmartini) मुझे नहीं लगता कि खामोशी जवाब नहीं देती। मैं समझता हूँ खामोशी एक तीर्थ है जहाँ हर बुरा विचार अपनी बुराई धो डालता है । ये हो सकता है की तीर्थ के रास्ते…
क्या करिश्मा है इस बुझे दिल को, कितना खुशदिल बना दिया तुमने अब तो मुश्किल को भी मुश्किल कहना, बहुत मुश्किल बना दिया तुमने। पाँव इस दर पै आ ठिठक जाते, हाँथ उठते भी तो सलीके से आँख नम, क्या…
मैं चला था जिंदगी के रास्ते पर मुझे सुख मिला । मैंने कहा,” बड़ी गजब की चीज हो आते हो तो छा जाते हो जीवन में अमृत कण बरसाने लगते हो, सूर्य का उगना दिखाते हो झरनों का गिरना, नदियों…
नीरवता के सांध्य शिविर में आकुलता के गहन रूप में उर में बस जाया करते हो । बोलो प्रियतम क्यों रह रह कर याद मुझे आया करते हो ? आज सृष्टि का प्रेय नहीं हिय में बसता है मिले हाथ…
Geetanjali: R.N.Tagore On the day when the lotus bloomed, Alas,my mind was straying , and I knew it not . My basket was empty and the flower remained unheaded. Only now and again a sadness fell upon me , and…