Literary Classics, Ramyantar

रघुवीर सहाय की कविता से सबक लेकर

ठीक ठीक ब्लॉग लिखना शुरू करने के पहले मेरे एक ब्लॉगर मित्र ने मुझे कुछ उलाहने दिए। रघुवीर सहाय की पंक्तियों को उद्धृत कर सारांश दे रहा हूँ – “उसने पहले मेरा हाल पूछा एकाएक विषय बदलकर कहा आजकल का…

Article | आलेख, General Articles

Sushil Tripathi-सुशील त्रिपाठी व कैमूर की पहाड़ियाँ

सुशील त्रिपाठी को मैं उनकी लिखावट से जानता हूँ । एक बार बनारस में देखा था -पराड़कर भवन में । वह आदमी एक जैसा है- मेरी उन दिनों की स्मृति एवं इन दिनों की श्रद्धांजलि के चित्रों में। चुपचाप उनके…

Article | आलेख

संजरपुर या ‘संज्वरपुर’

मैं कौन हूँ ? क्या मुझे संजरपुर का नाम नहीं पता ? आजमगढ़ का एक गाँव जो गलियारे से शयनकक्ष तक अपनी मुचमुचाती हुई अनिद्रित आंखों के साथ लगातार उपस्थित है, शायद वही संजरपुर है। स्वीकृति और अस्वीकृति के मध्य…

Gitanjali by Tagore, Ramyantar, Tagore's Poetry, Translated Works

गीतांजलि का भावानुवाद

मेरे पिताजी कस्बे के इंटर कालेज में अंग्रेजी के प्रवक्ता थे । इस साल रिटायर कर गए। हिन्दी की प्रशंसनीय कवितायें लिखते हैं, उस ज़माने से जिस ज़माने में कविता आस्था और अस्तित्व से जुड़ा करती थी । इसलिए कभी…

Article | आलेख, Hindi Blogging

वजह बता रहा हूँ..

कई बार ब्लॉग की जरूरत और गैर जरूरत को लेकर मित्रों से चर्चा हुई। हिन्दी भाषा में ब्लॉग लिखने को लेकर कई शंकाएँ हैं मित्रों के मन में जो मिटती ही नहीं। सबसे बड़ा सवाल उनके मन में मेरे ब्लॉगर…

Contemplation, चिंतन

पीपे का पुल

अपने बारे में कहने के लिए चलूँ तो यह पीपे का पुल मेरे जेहन में उतर आता है। गंगा बनारस में बड़ी चुहल करती हुई मालूम पड़ती हैं। गंगा लहरों की गति के साथ जीवन की गति संगति बैठाती है…