आशीष त्रिपाठी का काव्य संग्रह शान्ति पर्व
शान्ति पर्व पढ़ गया। किसी पुस्तक को पढ़ कर चुपचाप मन…
गुरु गोरखनाथ की बानी – मेरा गुरु तीन छंद गावै
महान संत, योगी एवं नाथ संप्रदाय के संस्थापक गुरु गोरखनाथ की…
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता या निरंकुशता
अभिव्यक्ति, मनुष्य का नैसर्गिक गुण, जिससे हमारे विचार, हमारी भावनायें और…
नवागत प्रविष्टियाँ
भोजपुरी गीत: हमरे आँखी कै लोरवा
भोजपुरी गीत : प्रेम नारायण पंकिल टपकि जइहैं हो हमरे आँखी कै लोरवा । जेहि दिन अँगना के तुलसी सुखइहैं सजनि…
राजा हरिश्चन्द्र: नाटक (चार)
सच्चा शरणम् पर महात्मा बुद्ध के जीवन पर एक नाटक पूर्व में प्रकाशित किया गया है। महात्मा बुद्ध के साथ…
राजा हरिश्चन्द्र: नाटक (तीन)
सच्चा शरणम् पर महात्मा बुद्ध के जीवन पर एक नाटक पूर्व में प्रकाशित किया गया है। महात्मा बुद्ध के साथ…
राजा हरिश्चन्द्र: नाटक (दो)
सिमटती हुई श्रद्धा, पद-मर्दित विश्वास एवं क्षीण होते सत्याचरण वाले इस समाज के लिए सत्य हरिश्चन्द्र का चरित्र-अवगाहन प्रासंगिक भी…
राजा हरिश्चन्द्र: नाटक (एक)
इस ब्लॉग पर करुणावतार बुद्ध नामक नाट्य-प्रविष्टियाँ मेरे प्रिय और प्रेरक चरित्रों के जीवन-कर्म आदि को आधार बनाकर लघु नाटिकाएँ…
शैलबाला शतक: भोजपुरी स्तुति काव्य (पाँच)
प्रस्तुत हैं शैलबाला शतक के चार और कवित्त! करुणामयी जगत जननी के चरणों में प्रणत निवेदन हैं यह चार कवित्त!…