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नवागत प्रविष्टियाँ

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राजा हरिश्चन्द्र: नाटक (दो)

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

सिमटती हुई श्रद्धा, पद-मर्दित विश्वास एवं क्षीण होते सत्याचरण वाले इस समाज के लिए सत्य हरिश्चन्द्र का चरित्र-अवगाहन प्रासंगिक भी…

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राजा हरिश्चन्द्र: नाटक (एक)

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

इस ब्लॉग पर करुणावतार बुद्ध नामक नाट्य-प्रविष्टियाँ मेरे प्रिय और प्रेरक चरित्रों के जीवन-कर्म आदि को आधार बनाकर लघु नाटिकाएँ…

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शैलबाला शतक: भोजपुरी स्तुति काव्य (पाँच)

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

प्रस्तुत हैं शैलबाला शतक के चार और कवित्त! करुणामयी जगत जननी के चरणों में प्रणत निवेदन हैं यह चार कवित्त!…

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शैलबाला शतक: भोजपुरी स्तुति काव्य (चार)

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

शैलबाला शतक: भोजपुरी स्तुति काव्य के चार और कवित्त प्रस्तुत हैं! करुणामयी जगत जननी के चरणों में प्रणत निवेदन हैं…

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सौन्दर्य लहरी (छन्द संख्या 32-35)

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

सौन्दर्य लहरी का हिन्दी काव्यानुवाद स्मरं योनिं लक्ष्मीं त्रितयमिदमादौ तव मनो र्निधायैके नित्ये निरवधि महाभोग रसिकाः । भजंति त्वां चिंतामणि…

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सौन्दर्य लहरी (छन्द संख्या 28-31)

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

सौन्दर्य लहरी का हिन्दी काव्यानुवाद सुधामप्यास्वाद्य प्रतिभय जरा मृत्यु हरिणीं  विपद्यंते विश्वे विधि शतमखाद्या दिविषदः। करालं यत् क्ष्वेलं कबलितवतः कालकलना…