आओ चलो, दीप रखते हैं (कविता)
आओ चलो, दीप रखते हैं कविता जीवन के हर उस कोने…
Arattai – संदेश और संवाद माध्यमों का स्वदेशी संस्करण
आत्मनिर्भर भारत के गुंजित स्वर में प्रधानमंत्री के स्वदेशी अपनाने के…
आशीष त्रिपाठी का काव्य संग्रह शान्ति पर्व
शान्ति पर्व पढ़ गया। किसी पुस्तक को पढ़ कर चुपचाप मन…
नवागत प्रविष्टियाँ
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पुस्तक को असमय श्रद्धांजलि: साहित्य क्यों?-4
पुस्तक को असमय श्रद्धांजलि: साहित्य क्यों? – मारिओ वर्गास लोसा साहित्य ने अपनी ग्राह्यता प्रेम इच्छाओं और काम-कलापों में भी…
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पुस्तक को असमय श्रद्धांजलि (The Premature Obituary of the Book): 3
The Premature Obituary of the Book : Why Literature? जनसामान्य के उद्भव और उसके लक्ष्य के प्रति चेतना का सृजन…
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पुस्तक को असमय श्रद्धांजलि (The Premature Obituary Of The Book): 2
पुस्तक को असमय श्रद्धांजलि: साहित्य क्यों? (Why Literature?) हम ज्ञान के विशिष्टीकरण के युग में रह रहे हैं। धन्यवाद देता…
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पुस्तक को असमय श्रद्धांजलि (The premature obituary of the book)
प्रस्तुत है पेरू के प्रख्यात लेखक मारिओ वर्गास लोसा के एक महत्वपूर्ण, रोचक लेख The premature obituary of the book…
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करनी सम्पन्न मुझे जो है उस यात्रा की दूरी विशाल (गीतांजलि का भावानुवाद)
The time that my journey takes is long and the way of it long. I came out on the chariot…