आओ चलो, दीप रखते हैं (कविता)
आओ चलो, दीप रखते हैं कविता जीवन के हर उस कोने…
Arattai – संदेश और संवाद माध्यमों का स्वदेशी संस्करण
आत्मनिर्भर भारत के गुंजित स्वर में प्रधानमंत्री के स्वदेशी अपनाने के…
आशीष त्रिपाठी का काव्य संग्रह शान्ति पर्व
शान्ति पर्व पढ़ गया। किसी पुस्तक को पढ़ कर चुपचाप मन…
नवागत प्रविष्टियाँ
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पिता मैं बहुत थोड़ा हूँ तुम्हारा
माँ केन्द्रित दूसरी कविता पोस्ट कर रहा हूँ। इस कविता का शीर्षक और इसके कवि का नाम मुझे नहीं मालूम,…
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माँ: नौ कवितायें
कुछ दिनों पहले चिट्ठा चर्चा में कविता जी ने ’माँ’ पर लिखी कविताओं की भावपूर्ण चर्चा की थी। तब से…
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सम्हलो कि चूक पहली इस बार हो न जाये(गज़ल)
सम्हलो कि चूक पहली इस बार हो न जाये सब जीत ही तुम्हारी कहीं हार हो न जाये। हर पग…
मैं क्या हूँ?
अपनी कस्बाई संस्कृति में हर शाम बिजली न आने तक छत पर लेटता हूँ। अपने इस लघु जीवन की एकरस-चर्या…
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जी दुखी अपना यह खंडहर देखकर
कोई भाया न घर तेरा घर देखकर जी दुखी अपना यह खंडहर देखकर। आ गिरा हूँ तुम्हारी सुखद गोद में…
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The song that I came to sing remains unsung
The song that I came to sing remains unsung is one of the most remarkable poems from Tagore’s Gitanjali. Rabindranath…