आओ चलो, दीप रखते हैं (कविता)
आओ चलो, दीप रखते हैं कविता जीवन के हर उस कोने…
Arattai – संदेश और संवाद माध्यमों का स्वदेशी संस्करण
आत्मनिर्भर भारत के गुंजित स्वर में प्रधानमंत्री के स्वदेशी अपनाने के…
आशीष त्रिपाठी का काव्य संग्रह शान्ति पर्व
शान्ति पर्व पढ़ गया। किसी पुस्तक को पढ़ कर चुपचाप मन…
नवागत प्रविष्टियाँ
समाजवाद, लोकतंत्र एवं हमारा नेतृत्व
हम घोर आश्चर्य और निराशा के घटाटोप में घिर गये हैं। अपने पूर्वजों पर दृष्टि डालते हैं तो देखते हैं…
और ……अंधेरा
(Photo credit: MarianOne) आज फिर एक चहकता हुआ दिन गुमसुमायी सांझ में परिवर्तित हो गया, दिन का शोर खामोशी में…
दिन और रात
दिन गये, तो ठीक न गये, रुके रहे तो और भी ठीक। रात गयी, तो ठीक न गयी, रुकी रही…
छोटी सी कविता
विश्वास के घर मेंअमरुद का एक पेड़ थाएक दिनउस पेड़ की ऊँची फ़ुनगी परएक उल्लू बैठा दिखा,माँ ने कहा- ‘उल्लू’पिता…
प्रथम पुरुष की खोज
हमारे आर्य-साहित्य का जो प्रथम पुरुष है, अंग्रेजी का थर्ड पर्सन (Third Person), मैं उसकी तलाश में निकला हूँ। वह…
Life of my life, I shall ever try to keep my body pure
Life of my life, I shall ever try to keep my body pure is a profound poem from Rabindranath Tagore’s…
