हिन्दी साहित्य की अबाध धारा निरन्तर प्रवाहित हो रही है और उसकी श्री वृद्धि निरन्तर दृष्टिगत हो रही है। हिन्दी साहित्य के विविध आयामों में इतना सबकुछ जुड़ता और संचित होता चला जा रहा है कि हमारी राष्ट्रभाषा का कोश अक्षय गति को प्राप्त होने की दिशा में अग्रसर है। ऐसे में एक सहज विचार उदभूत हुआ कि यदि इस साहित्य के मनीषी एवं विज्ञ जनों की उपलब्धि और उनका रसास्वाद अंग्रेजी भाषा में हो तो यह हिन्दी साहित्य का एक सुशोभन अध्याय होगा। इस हेतु एक अंग्रेज़ी ब्लॉग का विकार आया।कवि-रचनाकार का साहित्य जगत, उनकी सामान्य परिचय पृष्ठभूमि और उनके रचना का आस्वाद अंग्रेजी भाषा में भी हो, इस उद्देश्य से मैंने एक नया अंग्रेजी चिट्ठा ‘Eternal Sharing Literature’ नाम से प्रारम्भ किया है। यहाँ प्रायः प्रत्येक प्रमुख रचनाकार को अंग्रेजी भाषा की अभिव्यक्ति में बांधने का प्रयास करुँगा। कवि, कथाकार, उपन्यासकार, समालोचक, निबन्धकार आदि सभी पर प्रकाश डालना मेरा अभीप्सित है । इसी क्रम में उनकी कुछ रचनाओ का भी आलोचनात्मक विश्लेषण प्रस्तुत करने का प्रयास करुँगा।
यद्यपि मैं जानता हूँ कि यह कार्य महनीय है, और मेरा लघु मानस और सीमित सामर्थ्य इसे भली-भाँति संपादित कर पायेंगे, इसमें संशय है; परन्तु यह हिन्दी-प्रेम ही है जिसने यह कार्य करने का आत्म-बल दिया है । एक और आत्म-स्वीकृति यह है कि अंग्रेजी में मेरा भाषाई-ज्ञान सीमित है, और पता नहीं मैं न्याय कर भी पाउंगा या नहीं | अतः एक-एक पोस्ट तीन-चार दिनों का विराम ले ले तो आश्चर्य क्या?
यद्यपि मैं जानता हूँ कि यह कार्य महनीय है, और मेरा लघु मानस और सीमित सामर्थ्य इसे भली-भाँति संपादित कर पायेंगे, इसमें संशय है; परन्तु यह हिन्दी-प्रेम ही है जिसने यह कार्य करने का आत्म-बल दिया है । एक और आत्म-स्वीकृति यह है कि अंग्रेजी में मेरा भाषाई-ज्ञान सीमित है, और पता नहीं मैं न्याय कर भी पाउंगा या नहीं | अतः एक-एक पोस्ट तीन-चार दिनों का विराम ले ले तो आश्चर्य क्या?
इस आशा के साथ यह ब्लाग प्रारंभ कर रहा हूं कि हिन्दी साहित्य की चहलकदमी अंग्रेजी भाषा की वाटिका में बढ़े और आपका अबाध स्नेह मुझे प्राप्त हो।
ब्लोग का लिंक है – http://eternalliterature.blogspot.com
शुभकामनायें हैं मेरी!
शुभकामनाएं हिमांशु -यह तो आपने बहुत अच्छा काम किया ! हाँ मात्रा के बजाय गुणवत्ता पर ध्यान दीजियेगा !
एक सराहनीय पहल. आपकी सफलता के लिए शुभकामनायें.
प्रशंसनीय कार्य है … हमारी शुभकामनाएं।
शुभास्तु ते पन्थान: !
सराहनीय प्रयास है . मेरी शुभकामना आपके साथ है.
हिमांशु जी, बहुत ही सराहनीय प्रयास.. नए ब्लॉग पर मेरी उपस्थिति स्वीकार करें। पूरी कोशिश करूंगा कि यह उपस्थिति बरकरार रहे..
सराहनीय प्रयास है. हमारी शुभकामनाएं स्वीकार करें.
शुभकामनायें।
पर ऐसा न हो कि सभी ब्लागर अंग्रेज़ी की ओर दौडने लगे और हिंदी फिर से पीछे रह जाय!