एक दिया गीतों पर रख दो, एक दिया जँह सुधियाँ सोयीं
एक दिया उस पथ पर रख दो जिस पर हो अनुरागी कोई ।
एक दिया पनघट पर रख दो एक दिया बँसवट के पास
एक दिया तालों में रख दो कमलों का है जहाँ निवास
एक दिया खेतों में रख दो, जिनमें हैं आशायें बोईं ।
एक दिया मेढ़ों पर रख दो एक दिया फिर क्यारी में
एक दिया मन्दिर में रख दो एक दिया फुलवारी में
एक दिया बगिया में रख दो जो खोज रही खुशबू खोयी ।
एक दिया लहरों पर रख दो एक दिया उस नाव पर
जो लिख रही है पत्र प्रणय के सदियों से बहाव पर
एक दिया रेत पर रख दो, जिसने सावन की आस सँजोयी ।
एक दिया झुरमुट में रख दो जिसमें हिरनों का है गेह
एक दिया पोखर पर रख दो जिसमें भरा हुआ है नेह
एक दिया नीड़ों में रख दो जिसमें है सृष्टि पिरोयी ।
एक दिया मन में रख लो एक दिया दिल के पास
एक दिया पलकों पर रख दो जिसमें है मिलने की आस
एक दिया दृष्टि में रख दो, जो दूजों के दुख पर रोयी ।
एक दीया इस ब्लोग पर रख दो, जो इतने उत्तम गीत लिखे। बधाई।
आपको और आपके परिवार दीपावली की शुभकामना ……
पंकज मिश्रा
Himanshu ji kya itna kehna kaafi hoga(Bina copy paste ke) ki….
…Aapke dwara rachit sabi shereshta rachnaaon main se sarvsheshtrah….
…Diwali aur diye ki tarah roshan is kavita ke liye aapko haardik shubhkamnaiyen.
सुंदर व्यंजनाएं।
दीपपर्व की अशेष शुभकामनाएँ।
आप ब्लॉग जगत में निराला सा यश पाएं।
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आइए हम पर्यावरण और ब्लॉगिंग को भी सुरक्षित बनाएं।
एक दिया मेढ़ों पर रख दो एक दिया फिर क्यारी में
एक दिया मन्दिर में रख दो एक दिया फुलवारी में
एक दिया बगिया में रख दो जो खोज रही खुशबू खोयी ।
behad sunder geet,diwali ki badhai
एक दिया मन में रख लो एक दिया दिल के पास
एक दिया पलकों पर रख दो जिसमें है मिलने की आस
एक दिया दृष्टि में रख दो, जो दूजों के दुख पर रोयी ।
बहुत ही सुंदर दीप जलाये हैं, ये दीप ही नही सूदीप हैं
बधाई
बढ़ा दो अपनी लौ
कि पकड़ लूँ उसे मैं अपनी लौ से,
इससे पहले कि फकफका कर
बुझ जाए ये रिश्ता
आओ मिल के फ़िर से मना लें दिवाली !
दीपावली की शुभकामना के साथ
ओम आर्य
बहुत आभार रामशरण अनुरागी जी की रचना इस मौके पर पढ़वाने के लिए.
सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
-समीर लाल ’समीर’
उत्तम रचना,,,,,,,,,,
अभिनन्दन !
आपको और आपके परिवारजन को
दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयां
एवं मंगल कामनायें…….
दिवाली, गीत और दिये पर तो पुरानी पंक्तियां याद आ गयीं – दिवाली के दीये तुझे भेजता हूं; अंधेरे में अपना गुजारा चलेगा!
दीपावली मंगलमय हो बन्धु।
रामशरण जी की इस कविता ने दीप माला के इस पर्व को और भी
रोशन कर दिया है …
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें ..!!
एक दिया मन में रख लो एक दिया दिल के पास
एक दिया पलकों पर रख दो जिसमें है मिलने की आस
एक दिया दृष्टि में रख दो, जो दूजों के दुख पर रोयी ।
रामशरण जी की अनुपम कृति ने दीपावली की ज्योत पोर-पोर में जगाई है..हिमांशु जी आपका ह्रदय से धन्यवाद….
बधाई हो ऐसी रचना कम ही मिलतीं हैं आगे भी इन्तजार रहेगा।
सुंदर और प्रेरक !!