एक दिया गीतों पर रख दो, एक दिया जँह सुधियाँ सोयीं
एक दिया उस पथ पर रख दो जिस पर हो अनुरागी कोई ।

एक दिया पनघट पर रख दो एक दिया बँसवट के पास
एक दिया तालों में रख दो कमलों का है जहाँ निवास
एक दिया खेतों में रख दो, जिनमें हैं आशायें बोईं ।

एक दिया मेढ़ों पर रख दो एक दिया फिर क्यारी में
एक दिया मन्दिर में रख दो एक दिया फुलवारी में
एक दिया बगिया में रख दो जो खोज रही खुशबू खोयी ।

एक दिया लहरों पर रख दो एक दिया उस नाव पर
जो लिख रही है पत्र प्रणय के सदियों से बहाव पर
एक दिया रेत पर रख दो, जिसने सावन की आस सँजोयी ।

एक दिया झुरमुट में रख दो जिसमें हिरनों का है गेह
एक दिया पोखर पर रख दो जिसमें भरा हुआ है नेह
एक दिया नीड़ों में रख दो जिसमें है सृष्टि पिरोयी ।

एक दिया मन में रख लो एक दिया  दिल के पास
एक दिया पलकों पर रख दो जिसमें है मिलने की आस
एक दिया दृष्टि में रख दो, जो दूजों के दुख पर रोयी ।

–राम शरण ’अनुरागी’

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Last Update: June 24, 2024