Hibiscus (Photo : soul-nectar) आंसू खूब बहें, बहते जांय हंसी नहीं आती, पर हंसी खूब आये तो आंखें भर-भर जाती हैं आंसू आ जाते हैं आंखों में। कौन-सा संकेत है यह प्रकृति का? वस्तुतः कितना विलक्षण है हंसी का यह…
मैंने कविता लिखी जिसमें तुम न थे तुम्हारी आहट थी और इस आहट में एक मूक छटपटाहट मैंने कविता लिखीजिसमें उभरे हुए कुछ अक्षर थेयद्यपि वो फूल नहीं थेपर फिर भी उनमें गंध थी मैंने कविता लिखीजिसमें इन्द्रधनुष नहीं थाहाँ,…
मन का चैन है जिसके लिये खूब तैयारी करता हूँ। कुछ पाने, न पाने की बेचैनी, जीवन की शान्ति और अन्तर्भूत आनन्द को पाने की छटपटाहट में कई बार मन उद्विग्न हो जाया करता है। अपना आन्तर जीवन तनाव और…
Rose Bud (Photo credit: soul-nectar) यदि देख सका किसी वस्तु को उसकी पूर्णता में तो रचूंगा जो कुछ वह पूर्णतः अनावरित करेगा स्वयं को सौन्दर्य है क्या सिवाय एक केन्द्रीभूत सत्य के?जैसे सूरज या फिरजैसे आत्माजो अपनी अभिव्यक्ति,अपने प्रसार में…
तनिक पहचानेंउस शील कोजो डरता तो हैसंसार की अनगिनतअंधेरी राहों में चलते हुएपर अपने मन मेंऔर दूसरों की दृष्टि मेंबनना चाहता है वीरऔर इसलियेगाने लगता है।
आजकल चुनावों का महापर्व ठाठें मार रहा है। इस महापर्व के संवाद-राग में मैने वाक् वैदग्ध्य के प्रकार ढूंढे। माफी मुझे पहले ही मिल जानी चाहिये यदि यह सब कुछ केवल बुद्धि का अभ्यास लगे। बात यह भी थी कि…
जो प्रश्न हैं अस्तित्वगत तूं खींच चिन्तन बीच मत बस जी उसे उस बीच चल उससे स्वयं को दे बदल। यदि प्रेम को है जानना तो खाक उसकी छानना उस प्रेम के भीतर उतर निज पूर्ण कायाकल्प कर। जो प्रश्न…
पात-पात में हाथापायी बात-बात में झगड़ा किस पत्थर पर पता नहीं मौसम ने एड़ी रगड़ा। गांव गिरे औंधे मुंह गलियां रोक न सकीं रुलाई ’माई-बाबू’ स्वर सुनने को तरस रही अंगनाई, अब अंधे के कंधे पर बैठता नहीं है लंगड़ा।…
सारिका पत्रिका के 15 अक्टूबर के अंक में प्रकाशित एक अफ्रीकी मिथक कथा ने आकृष्ट किया। आत्मा की अमरता के रहस्य को बताती यह अफ्रीकी लोक कथा मूल पाठ के साथ प्रस्तुत है। मूल पाठ: हिन्दी- सारिका पत्रिका (मिथक कथा…
बजी पांचवी शंखकथा वाचक द्रुतगामी की।ले प्रसाद जय बोलसत्यनारायण स्वामी की। फलश्रुति बोले जब मन होचूरन हलवा बनवाओबांट-बांट खाओ पंचामृतमें प्रभु को नहलाओ,इससे गलती धुल जायेगीक्रोधी-कामी की। ले प्रसाद जय बोलसत्यनारायण स्वामी की। कलश नवग्रह गौरी गणपतिपर दक्षिणा चढ़ाओ।ठाकुर जी…